कबिता, हिंदी साहित्य, motivation

हिमाद्रि तुंग शृंग से / जयशंकर प्रसाद

हिमाद्रि तुंग शृंग से प्रबुद्ध शुद्ध भारतीस्वयं प्रभा समुज्ज्वला स्वतंत्रता पुकारती'अमर्त्य वीर पुत्र हो, दृढ़- प्रतिज्ञ सोच लो,प्रशस्त पुण्य पंथ है, बढ़े चलो, बढ़े चलो!' असंख्य कीर्ति-रश्मियाँ विकीर्ण दिव्य दाह-सीसपूत मातृभूमि के- रुको न शूर साहसी!अराति सैन्य सिंधु में, सुवाडवाग्नि से जलो,प्रवीर हो जयी बनो - बढ़े चलो, बढ़े चलो!

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मज़बूत इरादे लेकर अब बस तू आगे बढ़

Motivational poetry…

ह्रदय

बहुत सोच लिया तूने अब सपनो को अपने पूरे कर,
मज़बूत इरादे लेकर अब बस तू आगे बढ़,

1)बैठेगा युही हाथों मे हाथ धरे तो कुछ नही कर पायेगा,
और ठानेगा जब कुछ करने की तो शायद समय नही रह जायेगा,

हारेगा ना हिम्मत तो मुरझाई किस्मत भी खिल जायेगी,
कोशिश करेगा हरदम तो चट्टानें भी हिल जायेगी

लाज शर्म त्याग कर अब लक्ष्य की सीढ़ी चढ़,
मज़बूत इरादे लेकर अब बस तू आगे बढ़,

2)चलना है लंबा तो अपने कदमो मै खड़े होना सीख ले,
भारी भारी बोझ अपने कंधों से धोना सीख ले,

राहों मे सहारो की तालाश अब छोड़ दे,
वेशाखियाँ बना वहानो की मदद की फरियाद अब छोड़ दे,

और गिरने की शंका से ना इतना तू डर
मज़बूत इरादे लेकर अब बस तू आगे बढ़,

3)अपनी ही राहों का काटा तू बनता है क्युं
अपनी ही किस्मत को जख्मी तू करता है क्युं

है दुश्मन…

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घाव जरूरी हैं।

Read it….

ह्रदय

मानव जीवन में घाव का बड़ा महत्व है। घाव व्यक्ति का ध्यान अपनी ओर केंद्रित करने मे बड़ी भूमिका अदा करता है। परंतु कुछ घाव ऐसे होते है जो प्रत्यक्ष रूप से शरीर में ना होकर अप्रत्यक्ष रूप से दिल में, दिमाक में और स्वाभिमान को छति पहुँचाते है।
ये घाव दिखाई नही देते किंतु दर्द बहुत देते है , ये आपकी अंतर आत्मा को चोट पहुँचते हैं। ये हमारी मानशिक्ता को अपना शिकार बनाते है, और इसका विपरीत प्रभाव हमारे आत्मविश्वास पर पड़ता है। धोखा, फ़रेब, हद से ज्यादा उम्मीद, विश्वासघात, अन्याय, तिरस्कार, अपमान, हीनभाव, पक्षपात, दया आदि इस घाव के प्रमुख कारक है।
ये घाव मानव जीवन को दुविधा में डालने में अहम भूमिका अदा करते है।

परंतु अगर इन्हे सकारात्मक नजरिये से सोचें तो एक सुयोग्य मानव जीवन का श्रजन करने में बहुत बड़ा योगदान देते हैं।

हम उन घावों के दर्द को अपनी प्रेरणा मानकर मेहनत…

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कबिता, भरोसा, barish, future, life, poetry, pyar, shuruaat

मज़बूत इरादे लेकर अब बस तू आगे बढ़

अपनी ही राहों का काटा तू बनता है क्युं ,अपनी ही किस्मत को जख्मी तू करता है क्युं । राहों मे सहारो की तालाश अब छोड़ दे, वेशाखियाँ बना वहानो की मदद की फरियाद अब छोड़ दे,लाज शर्म त्याग कर अब लक्ष्य की सीढ़ी चढ़, मज़बूत इरादे लेकर अब बस तू आगे बढ़,

आत्मविश्वास, कबिता, जबलपुर, जिंदगी, नफरत, प्यार, बदलाव, बारिश, भरोसा, यादें, barish, future, life, love, motivation, poetry, quotes, shuruaat, thought

वक़्त है बदलाव का

ये रात गयी , तेरी याद गयी। मौसम बदला  बरसात आ गई , धूप की जगह बदरी छा गई। प्रक्रति बदली मिट्टी की महक आ गई, पसीने की जगह पानी की बुंदे छा गई। तेरे अंदाज बदले, मेरे ख्यालात बदले। कुछ सपने बदले, कुछ अपने बदले। कुछ ख़्वाहिशें बदली, कुछ ख्वाब बदले।

आत्मविश्वास, जबलपुर, जिंदगी, नफरत, life, motivation, struggle, thought

घाव जरूरी हैं।

परंतु अगर इन्हे सकारात्मक नजरिये से सोचें तो एक सुयोग्य मानव जीवन का श्रजन करने में बहुत बड़ा योगदान देते हैं। ये घाव दिखाई नही देते किंतु दर्द बहुत देते है , ये आपकी अंतर आत्मा को चोट पहुँचते हैं। ये हमारी मानशिक्ता को अपना शिकार बनाते है, और इसका विपरीत प्रभाव हमारे आत्मविश्वास पर पड़ता है। धोखा, फ़रेब, हद से ज्यादा उम्मीद, विश्वासघात, अन्याय, तिरस्कार, अपमान, हीनभाव, पक्षपात, दया आदि इस घाव के प्रमुख कारक है।